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फिल्म नहीं, डॉक्यूमेंट्री फिल्म नज़र आई 'सचिन : अ बिलियन ड्रीम्स' (स्टार 3/5 )

        सचिन तेंदुलकर क्रिकेट की दुनिया में उन्हें क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता रहा हैं और रहेगा भी, यह हम सब जानते हैं की उन्हें मास्टर ब्लास्टर से भी सम्बोधित किया जाता हैं, पिच पर तो हमने कई बार देखा हैं सचिन ने कई धुरंदर गेंदबाज़ो को नानी याद दिलादी हैं, पर शायद ही कोई ऐसा होंगा जो सचिन जो सचिन की जीवनी जानता हो, उनके पर्सनल और प्रोफेसनल ज़िन्दगी कैसी हैं, इन्ही पर आधारित हैं फिल्म  'सचिन : अ बिलियन ड्रीम्स'
 
फिल्म              :        'सचिन : अ बिलियन ड्रीम्स'
श्रेणी                 :       बायोपिक
निर्देशक            :       जेम्स एर्स्किन
निर्माता            :       कार्निवाल मोशन पिक्चर्स, रवि भागचंड्का
स्टार कास्ट       :       सचिन तेंडुलकर, अर्जुन तेंडुलकर, सारा तेंडुलकर
संगीत              :       ए आर रहमान
रेटिंग              :         3/5
        परम्परा अनुसार बात करते हैं कहानी की बांद्रा मुंबई के मध्य वर्ग में जन्मे सचिन तेंडुलकर की जो मराठी अध्यापक व एक मराठी कवी एवम मराठी उपन्यासकार रमेश तेंडुलकर के बेटे सचिन की हैं सचिन बचपन में काफी शरारत करते थे बचपन से ही उन्हें म्यूजिक काफी पसंद था जो आज भी हैं, एक दिन सचिन की बहन ने उन्हें उपहार में एक बल्ला दिया उस दिन से लेकर आज तक उन्हें बल्ले से कितना प्यार है यह हम सब जानते है, सचिन के बड़े भाई अजित तेंडुलकर का बड़ा हाथ हैं सचिन को सचिन बनाने में साथ ही यह श्रेय जाता हैं गुरु आचरेकर को भी, फिल्म में  शिवाजी पार्क में प्रैक्टिस करना, क्रिकेट की ट्रेनिंग गुरु आचरेकर से लेना, कई कठनाईयों का सामना करते अपने लक्ष की और बढ़ना|  सचिन ने १६ साल की उम्र में अपना पहला वन डे, फिर उनकी आलोचना हुई, पर हिम्मत न हारते सचिन, पहला शतक लगाया, सेन वार्न जैसे गेंदबाज़ के गेंद पर खेल कर दिखाना, क्रिकेट बेटिंग के दौरान किया हुआ कप्तान बनने के बाद की कहानी, पत्नी अंजली से पहली मुलाकात और फिर दो बच्चों का आना, पिता रमेश तेंडुलकर की मौत के तुरंत बाद मैदान में खेलना और आखिर में क्रिकेट को अलविदा कहना .... 
      निर्देशक की बात करते हैं फिल्म देखते हुए लगा जैसे  डॉक्यूमेंट्री बनाई हो न की कमर्शियल फिल्म बनाई, फिल्म के कई हिस्से ऐसे नज़र आये जो आज सोशल साइट पर आसानी से उपलबद्ध हैं, फिल्म की खासियत हैं सचिन के अनदेखे - अनसुनी  बाते और वीडियो देखने को मिलते हैं, निर्देशक जेम्स एर्स्किन ने नाट्य रूपांतरण के साथ साथ रियल लोगों को बड़े ही सटीक अंदाज में फिट किया, पर एक बात समज में नहीं आई की क्या हमारे देश में एक भी ऐसा निर्देशक नहीं था जो सचिन की बायोपिक बनाने में सक्षम हो की सचिन ने विदेशी निर्देशक का दामन थामा | खेर कुछ कमिया तो नज़र आई पर सचिन के सामने यह नज़र अंदाज़ करने में कोई हर्ज नहीं हैं | 
     अभिनय की बात करते हैं, फिल्म में सचिन ही अपनी जीवनी कहते नज़र आए हैं, जिसे सुन लगता हैं कड़ी मेहनत और लगन से कुछ हासिल किया जाता है न की किसी शार्ट कट रास्ता नहीं होता, फिल्म के कई हिस्से को नाट्य रूपांतरण में दर्शाया गया हैं उन किरदारों ने बढ़िया काम किया हैं साथ ही  अमिताभ बच्चन, आमिर खान, हर्षा भोगले, वीरेंद्र सहवाग का भी अच्छा अपीयरेंस है।
संगीत की बात करते हैं फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड ठीक ठाक  ही हैं | 'सचिन सचिन'  जब भी सुनाई देता है, मोटिवेट करता नज़र आता हैं 
           फिल्म सचिन : अ बिलियन ड्रीम्स क्रिकेट प्रेमियों को भा जाए, वैसे कई बातें तो आप सचिन के बारे में जानते ही होंगे, कुछ एक आग के लिए फिल्म देखने की इच्छा हो तो देख सकते हैं |  
 
पुष्कर ओझा